इस जगह पर सीता माता धरती की गोद मे समाई थी आप भी जाये एक बार

लगभग सभी लोगो ने रामायण देखी और पढ़ी है।जब भगवान  राम सीता माता का त्याग कर देते है तो,लक्ष्मण सीता माता को एक वन में छोड़ आता है।उस वन में माता सीता को वाल्मीकि जी मिलते है।जिन्होंने पहले से ही रामायण की रचना कर दी थी।ऐसी वन में माता सीता ने लव कुश को जन्म दिया था, जब हनुमान जी सीता माता का पता लगाने आये थे तब लव कुश ने हनुमान जी को जिस पेड़ से बांध दिया था और जिस जगह पर माता सीता धरती में समा गई थी।
उस जगह को देखने की तो आपकी भी इच्छा होगी तो आपको बताते है यह जगह कहा है।यह स्थान राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में है, जिसे वर्तमान में सीता माता अभ्यारण के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर सबसे ज्यादा सागोन को पेड़ है, यह पर उड़ने वाली गिलहरी ओर पेंथर भी पाए जाते है।यहा प्रतिवर्ष जेष्ठ अमावस्या को मेला भी लगता है जहाँ हजारो की संख्या में भक्त गण जाते है और माता सीता के उस स्थान का दर्शन करते है जहाँ पर सीता माता धरती में समा गई थी।
आज भी यह पर वाल्मिकी का आश्रम ओर लव कुश के झूले सब वैसे ही,यहाँ कि नदी का पानी कहि ठंडा है तो कहि गर्म है।

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