इस कुंड में नहाने से धुलते है पाप और मिलती गधे योनि से मुक्ति
लोगो से जाने अंजाने में कुछ पाप हो जाते है तो वे उनका प्राश्चित करने के लिए गंगा नदी में स्नान करने जाते है या चारो धाम।
पर राजस्थान में एक ऐसा कुंड है जहाँ स्नान कर आप अपने पाप भी धो सकते है और आपको सर्टिफिकेट भी मिलता है।यह स्थान राजस्थान राज्य के प्रतापगढ़ जिले की तहसील अरनोद से 5 किलो मीटर दूर है।यहाँ पर भगवान शिव का मंदिर है यह मंदिर पहाड़ के नीचे गुफा में है।कहा जाता है प्राचीन काल मे गौतम ऋषि से अनजाने में गो हत्या का पाप लग गया था फिर उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की शिव भगवान ने गौतम ऋषि को वरदान दिया यहा स्थित मन्दाकिनी कुंड में स्नान करने पर पाप धुल जाएंगे तब से यहाँ पर लोग आते है और इस कुंड में स्नान करके ओर भगवान गौतमेश्वर के दर्शन कर अपने पाप धोते है।
इस स्थान पर नीचे गुफा में गधा लौट भी यहाँ के लोगो की यह मान्यता है कि जो इस गधा लौट पर गुमता है वह अगले जन्म में गधे की योनि में जन्म नही लेता है।यह स्थान कांठल का हरिद्वार भी कहा जाता है।यहाँ प्रतिवर्ष दस दिवसीय मेले का आयोजन भी किया जाता है यहाँ पर खाली राजस्थान ही नही बल्कि पूरे देश के लोग आते है।
पर राजस्थान में एक ऐसा कुंड है जहाँ स्नान कर आप अपने पाप भी धो सकते है और आपको सर्टिफिकेट भी मिलता है।यह स्थान राजस्थान राज्य के प्रतापगढ़ जिले की तहसील अरनोद से 5 किलो मीटर दूर है।यहाँ पर भगवान शिव का मंदिर है यह मंदिर पहाड़ के नीचे गुफा में है।कहा जाता है प्राचीन काल मे गौतम ऋषि से अनजाने में गो हत्या का पाप लग गया था फिर उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की शिव भगवान ने गौतम ऋषि को वरदान दिया यहा स्थित मन्दाकिनी कुंड में स्नान करने पर पाप धुल जाएंगे तब से यहाँ पर लोग आते है और इस कुंड में स्नान करके ओर भगवान गौतमेश्वर के दर्शन कर अपने पाप धोते है।
इस स्थान पर नीचे गुफा में गधा लौट भी यहाँ के लोगो की यह मान्यता है कि जो इस गधा लौट पर गुमता है वह अगले जन्म में गधे की योनि में जन्म नही लेता है।यह स्थान कांठल का हरिद्वार भी कहा जाता है।यहाँ प्रतिवर्ष दस दिवसीय मेले का आयोजन भी किया जाता है यहाँ पर खाली राजस्थान ही नही बल्कि पूरे देश के लोग आते है।
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